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परम पूज्य षष्ठ पट्टाचार्य, "छाणी" परम्परा के गौरव, त्रिलोकसंत, निद्राविजेता, जन-जन की आस्था के केंद्र, वर्धमान महावीर की प्रतिमूर्ति, सराकों के राम, महा तपस्वी गुरुदेव आचार्यरत्न श्री 108 ज्ञान सागर जी महा मुनिराज की परम शिष्या गणिनी आर्यिका मां श्री 105 स्वस्तिभूषण माता जी के वर्षायोग कलश को मांगलिक करते हुए परम पूज्य परम तपस्वी सप्तम पट्टाचार्य श्री 108 ज्ञेय सागर जी महाराज....

 परम पूज्य षष्ठ पट्टाचार्य, "छाणी" परम्परा के गौरव, त्रिलोकसंत, निद्राविजेता, जन-जन की आस्था के केंद्र, वर्धमान महावीर की प्रतिमूर्ति, सराकों के राम, महा तपस्वी गुरुदेव आचार्यरत्न श्री 108 ज्ञान सागर जी महा मुनिराज की परम शिष्या गणिनी आर्यिका मां श्री 105 स्वस्तिभूषण माता जी के वर्षायोग कलश को मांगलिक करते हुए परम पूज्य परम तपस्वी सप्तम पट्टाचार्य श्री 108 ज्ञेय सागर जी महाराज....

महाभारत हमारे अंदर ही छिपा हुआ है.....

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 18 दिन के युद्ध ने,  द्रोपदी की उम्र को 80 वर्ष जैसा कर दिया था ... शारीरिक रूप से भी और मानसिक रूप से भी शहर में चारों तरफ़ विधवाओं का बाहुल्य था..  पुरुष इक्का-दुक्का ही दिखाई पड़ता था  अनाथ बच्चे घूमते दिखाई पड़ते थे और उन सबकी वह महारानी द्रौपदी हस्तिनापुर के महल में निश्चेष्ट बैठी हुई शून्य को निहार रही थी ।  तभी, श्रीकृष्ण कक्ष में दाखिल होते हैं द्रौपदी  कृष्ण को देखते ही  दौड़कर उनसे लिपट जाती है ...  कृष्ण उसके सिर को सहलाते रहते हैं और रोने देते हैं  थोड़ी देर में,  उसे खुद से अलग करके समीप के पलंग पर बैठा देते हैं ।  द्रोपदी : यह क्या हो गया सखा ?? ऐसा तो मैंने नहीं सोचा था । *कृष्ण : नियति बहुत क्रूर होती है पांचाली..* वह हमारे सोचने के अनुरूप नहीं चलती ! वह हमारे कर्मों को  परिणामों में बदल देती है.. तुम प्रतिशोध लेना चाहती थी और, तुम सफल हुई, द्रौपदी !  तुम्हारा प्रतिशोध पूरा हुआ... सिर्फ दुर्योधन और दुशासन ही नहीं,  सारे कौरव समाप्त हो गए  तुम्हें तो प्रसन्न होना चाहिए !  द्रोपदी: सखा,  तुम मेरे घावों को सहलाने आए हो या उन पर नमक छिड़कने के लिए ? कृष्ण : नहीं द्रौपदी, 

आचार्य श्री ज्ञानसागर अरिहंत रूप मुनिराई....

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आचार्य श्री ज्ञानसागर अरिहंत रूप मुनिराई....  

You Tube Live :- छहढाला क्लास - 17/07/21, ब्रह्मचारिणी बहन अनीता दीदी द्वारा https://youtu.be/Nu5YjdiXc6o

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You Tube Live :- छहढाला क्लास - 17/07/21, ब्रह्मचारिणी बहन अनीता दीदी द्वारा https://youtu.be/Nu5YjdiXc6o  

सराकों के राम- बालक उमेश से आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महा मुनिराज

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आचार्य श्री 108 शांतिसागर जी महाराज "छाणी" परम्परा के पट्टाचार्य...

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सरकोत्थान एक कथा- आचार्यरत्न श्री 108 ज्ञानसागर जी महा मुनिराज

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प.पू.सराकोद्धारक आचार्यरत्न श्री 108 ज्ञानसागर जी महा मुनिराज के चरणों में कोटि-कोटि नमन