आचार्य श्री ज्ञानसागर अरिहंत रूप मुनिराई....

आचार्य श्री ज्ञानसागर अरिहंत रूप मुनिराई....

 

टिप्पणियाँ

  1. साधुवाद, आचार्य श्री को सच्ची विनयांजलि उनके उपकारों व कृत्यों का स्मरण व गुणगान करके व सभी भक्तों में प्रसारित व प्रचारित करके ही की जा सकती है, आपका यह प्रयास सराहनीय व प्रशंसनीय है

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